सोमवार, 27 जुलाई 2015
शनिवार, 11 जुलाई 2015
विचारो के मंथन
विचारो के मंथन से माखन जैसे अभिव्यक्ति जन्म लेती है, पर भेड़चाल वाली स्वीकारिता जहर के समान होती है @SHAKTIANAND1
शब्दों का जादूगर
शब्दों को क्या कहू, कमबख्त हर स्वाद उनके अन्दर है, जिसे उनकी जादूगरी आ गई वो शब्दों का जादूगर बन जाता है @SHAKTIANAND1
गुरुवार, 9 जुलाई 2015
सद्भावना और भावना
हम ऐसे देश मे रहते है, जहाँ भावना जल्द जागती है और देर से सोती है, पर सद्भावना देर से उठ कर जल्द सो जाती है @SHAKTIANAND1
कामयाबी
कामयाबी किसी चिडिया का नाम नही, बल्कि वो तो एक शिकार है, जो अवसर पर प्रयास न करने पर दुर चली जाती है, और फ़िर तलाश करनी पड़ती है @SHAKTIANAND1
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कोई बुरा ना माने,
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
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कोविड़–१९ के प्रकोप का दौर अभी भी जारी ही रहेगा क्योंकि वायरस किसी भी ढंग से कम नहीं हो रहा है। समूचे विश्व में तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोन...
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आगामी ६ सितम्बर को हांगकांग की ७० सदस्यों वाली विधान परिषद् का चुनाव होना निश्चित है। मगर इस बार का मंजर बिल्कुल अलग होने वाला है। जैसा कि ड...