रविवार, 22 सितंबर 2013

।। वृक्ष सत्याग्रह ।।

" वृक्ष धरा के भूशण है। जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने मे मदद करते है। वृक्ष के संरक्षण के लिए हमे लोगो में जागरुकता पैदा करने की जरुरत है। धरती इकलौता ऐसा ग्रह है, जहाँ जीवन सम्भव है। यदि हम चाहते है कि धरती का यह रुतबा बरकरार रहे तो प्रयास ही आखिरी विकल्प है। हमारे पूर्वजो के समय से ही चले आ रहे वृक्षो के षोशण को रोकना अति आवष्यक हो गया है, नही तो आने वाली पीढ़ी को हम सिर्फ विनाषकारी धरा ही धरोहर मे छोड जायेंगे। जिसकी कमी को न जमीन जायदाद पूरा कर पायेंगे ना ही सोना, चांदी या पैसा। आज कहीं भी जीवाष्म मिलता है तो लोग बडी उत्सुकता से बताते है, कि सत्रहवी सताब्दी का जीवाष्म मिला है। ठिक इसी तरह भविश्य मे बचे हुए जीव जन्तु आपस मे बात करते मिलेंगे कि, इक्किसवी सताब्दी के मानव का जीवाष्म इस धरा के किसी धरे पर मिला है। अपनी इस धरा की धरोहर को समय रहते बचाने का सिर्फ एक ही विकल्प, वृक्ष है। संकल्प लेने का समय इसी मानसून सत्र के साथ अतिआवष्यक है। कम से कम एक व्यक्ति एक वृक्ष लगाता है, तो आबादी के हिसाब से काफी हद तक हम इस सृश्टि के संरक्षण मे कामयाबी पा सकते है। "

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