शनिवार, 3 जून 2017

दुनिया को पसंद है बस खुशमिजाज चेहरे, गमजदा मुस्कान किसी को भाता नहीं। अब हम क्या करें जब हमें झूठी मुस्कान दिखाना आता नहीं।

Embed code not available


from Twitter https://twitter.com/SHAKTIANAND1

June 03, 2017 at 10:04PM
via IFTTT

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...