शनिवार, 18 अप्रैल 2020

खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.

Shakti Anand Kanaujiya
बेबाक अपना काम बखूबी करने वाले इस शख्सियत के पास इतनी फुर्सत नहीं कि इस महामारी में अपने ऊपर कशीदे लिखने - पढने वालो की खैरियत जान सके, फर्क इसलिए भी नहीं हैं की, कोई ग़ौर भी न करे,

जिससे खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...