खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.
Shakti Anand Kanaujiya
बेबाक अपना काम बखूबी करने वाले इस शख्सियत के पास इतनी फुर्सत नहीं कि इस महामारी में अपने ऊपर कशीदे लिखने - पढने वालो की खैरियत जान सके, फर्क इसलिए भी नहीं हैं की, कोई ग़ौर भी न करे,
जिससे खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.
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