रविवार, 25 सितंबर 2016

*कभी मत करना इतना गरूर, संपत्ति और अपनी ठाठ-बाट पर..!!* *मुट्ठी खाली रह जाती हैं, जब अंत में पहुँचते हैं घाट पर..!!*

Embed code not available


from Twitter https://twitter.com/SHAKTIANAND1

September 26, 2016 at 05:10AM
via IFTTT

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...