बहू-बेटियों को लोगों की नजरों से बच बचा के खुले में शौच के लिए बाहर जाना पड़े तो कितनी शर्मिंदगी की बात है। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एलओबी के तहत इनके घरों में ही शौचालय बनवाया जा रहा है। बावजूद इसके आज भी कई गांवों में लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। इसके लिए जनता को अब जागरूक होना पड़ेगा। जनपद स्तरीय अधिकारी, स्वच्छताग्रही आदि द्वारा मार्निंग फालोअप आदि कर खुले में शौच नहीं करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए जागरूकता जरूरी है। जनमानस अपनी बहु बेटियों को शौच के लिए कदापि बाहर नहीं भेजे।
गुरुवार, 1 अगस्त 2019
निति नहीं लोगो की सोच बदलने की जरुरत है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई बुरा ना माने,
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
कोविड़–१९ के प्रकोप का दौर अभी भी जारी ही रहेगा क्योंकि वायरस किसी भी ढंग से कम नहीं हो रहा है। समूचे विश्व में तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोन...
-
आगामी ६ सितम्बर को हांगकांग की ७० सदस्यों वाली विधान परिषद् का चुनाव होना निश्चित है। मगर इस बार का मंजर बिल्कुल अलग होने वाला है। जैसा कि ड...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें