शनिवार, 18 अप्रैल 2020

खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.

Shakti Anand Kanaujiya
बेबाक अपना काम बखूबी करने वाले इस शख्सियत के पास इतनी फुर्सत नहीं कि इस महामारी में अपने ऊपर कशीदे लिखने - पढने वालो की खैरियत जान सके, फर्क इसलिए भी नहीं हैं की, कोई ग़ौर भी न करे,

जिससे खैरियत के बहाने फुर्सत खोजने की जहमत इसे उठानी न पड़े.

सोमवार, 9 मार्च 2020

जरुरत समझने की हैं ?

अब किसी को समझाने की वजह और समय नहीं बस सबको समझदार समझाने की ही हैं
मैं सिर्फ शांत हो जाऊ यह कैसा हैं
सब खुश रहेंगे
मेरे बकवास नहीं मिलेंगे मेरे अपनों को .;

गुरुवार, 1 अगस्त 2019

निति नहीं लोगो की सोच बदलने की जरुरत है

बहू-बेटियों को लोगों की नजरों से बच बचा के खुले में शौच के लिए बाहर जाना पड़े तो कितनी शर्मिंदगी की बात है। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एलओबी के तहत इनके घरों में ही शौचालय बनवाया जा रहा है। बावजूद इसके आज भी कई गांवों में लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। इसके लिए जनता को अब जागरूक होना पड़ेगा। जनपद स्तरीय अधिकारी, स्वच्छताग्रही आदि द्वारा मार्निंग फालोअप आदि कर खुले में शौच नहीं करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए जागरूकता जरूरी है। जनमानस अपनी बहु बेटियों को शौच के लिए कदापि बाहर नहीं भेजे।

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...