मंगलवार, 9 जून 2020

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री कितनी बदल जाएगी

ना सितारों का जमघट ना फैन्स की भीड़ क्या आपने सोचा है कि सोशल डिस्टैंसिंग के इस दौर में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री कितनी बदल जाएगी. कोरोना वायरस के कारण दुनिया ही बदल रही है तो फिर हॉलीवुड,बॉलीबुड सबको बदलना होगा. पर फ़िल्मों, सितारों और दर्शकों पर इन पाबंदियों का असर न पड़े, इसके लिए सिनेमा जगत ने ख़ास इंतज़ाम करना शुरू कर दिया है.

लॉकडाउन के बाद अब दुनिया

दो महीने से ज़्यादा के लॉकडाउन के बाद अब दुनिया के तमाम देशों में इसे धीरे धीरे हटाया जा रहा है. ऐसे में आपको नहीं लगता कि ये ढाई महीने बड़ी जल्दी बीत गए? हमने सोचा भी नहीं था कि लॉकडाउन का मुश्किल दौर इतनी जल्दी गुज़र जाएगा. हम घर में, पाबंदियों में रहने की आदत ही डाल रहे थे कि इससे रियायतें भी मिलने लगी हैं. आम तौर पर होता यही है कि बुरा वक़्त बिताना मुश्किल होता है. आप ट्रेन या फ्लाइट का इंतज़ार करते हों, तो समय बिताते नहीं बीतता. मगर, किसी प्रिय के साथ हों या किसी पसंदीदा जगह घूमने जाते हों, तो समय मानो फुर्र से उड़ जाता है. ऐसे में लॉकडाउन का वक़्त, जिसे ज़्यादातर लोगों ने बुरा समय ही माना था, वो इतनी जल्दी कैसे गुज़र गया? असल में हम समय के गुज़रने का आकलन दो तरह से करते हैं. पहला तो ये कि अभी समय कितनी जल्दी बीत रहा है? और, पिछला हफ़्ता या पिछला दशक कैसे बीता था?

गर्भवती गाय का विस्फोटक पदार्थ खाने का मामला

हिमाचल प्रदेश में एक गर्भवती गाय का विस्फोटक पदार्थ खाने का मामला सामने आया है. इस मामले में एक शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, यह मामला बिलासपुर ज़िले में झंडूता थाना क्षेत्र में पड़ने वाले डाढ गांव का है. इस गांव के निवासी गुरदयाल सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी गाय को विस्फोटक खिलाया गया है जिससे उसे शारीरिक चोट आई है. एएनआई के मुताबिक़, बिलासपुर के पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि जिस वक़्त यह घटना हुई उस समय गाय गर्भवती थी. विस्फोटक की वजह से गाय के जबड़े का ऊपरी और निचला हिस्सा बुरी तरह ज़ख्मी हो गया.

गृहमंत्री शाह, सीएम बनर्जी पर जमकर बरसे

पश्चिम बंगाल जन संवाद रैली के दौरान गृहमंत्री अमित शाह, सीएम ममता बनर्जी पर जमकर बरसे. वर्चुअल रैली में अमित शाह ने कहा, ''ममता दी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं. लेकिन आप भी कल प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार का हिसाब दीजिए और कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों का नंबर मत बता दीजिएगा. भाजपा के मार दिए गए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बता दीजिएगा. यूपीए ने 10 साल में एक बार 3.5 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया, लेकिन आंकड़े कुछ और है. मोदी जी ने 9.5 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हजार करोड़ रुपये पहुंचाने का काम किया है. साल हर किसान को 6 हजार रुपया पहुंचाया जा रहा है.''

कौन जिम्मेदार

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शहर में कोविड-19 की स्थिति और घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने दिल्ली के हालातों को देखते हुए एलजी साहब से फैसले को वापस लेने की अपील की थी लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में दिल्ली के हालात बिगड़ जाते हैं तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड की बात केंद्र सरकार के अधिकारियों ने मानने से इंकार कर दिया है.

''प्रवासियों को 15 दिनों में वापस भेजा जाए

प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''प्रवासियों को 15 दिनों में वापस भेजा जाए. प्रवासियों को नौकरी देने के लिए एक स्कीम तैयार हो. रोजगार प्रदान करने के लिए डेटा की जांच हो. साथ ही प्रवासियों की पहचान के लिए योजना निर्धारित हो. प्रवासियों की स्किल मैपिग हो ताकि तय करना आसान हो कि उन्हें कुशल या अकुशल कौन सा कार्य सौंपा जाए. प्रवासियों के खिलाफ सभी शिकायतों व मुकदमों को को वापस लिया जाए. कोरोना वायरस के गरीबी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को कई बरस पीछे धकेल दिया है. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष मुल्पास ने आशंका जताई है कि कोरोना के आसार से दुनिया में 6 करोड़ से ज्यादा लोग अत्याधिक गरीबी में धकेले जा सकते हैं.

महामारी के खिलाफ लड़ाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाने वालों पर सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि इस जंग में मुख्य विपक्षी पार्टी ने अमेरिका, स्वीडन में लोगों से बात करने, इंटरव्यू लेने के अलावा और क्या किया? शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक जन और एक मन' के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया जिसकी वजह से आज भारत, दुनिया में अच्छी स्थिति में है.  ओडिशा के लिए एक ‘डिजिटल रैली' को संबोधित कर रहे शाह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ नेता हम पर सवाल उठाते हैं. लेकिन खुद उन्होंने क्या किया? कोई स्वीडन में, कोई अमेरिका में लोगों से बात करता है, इसके अलावा और क्या किया आपने?'

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...