दो महीने से ज़्यादा के लॉकडाउन के बाद अब दुनिया के तमाम देशों में इसे धीरे धीरे हटाया जा रहा है. ऐसे में आपको नहीं लगता कि ये ढाई महीने बड़ी जल्दी बीत गए? हमने सोचा भी नहीं था कि लॉकडाउन का मुश्किल दौर इतनी जल्दी गुज़र जाएगा. हम घर में, पाबंदियों में रहने की आदत ही डाल रहे थे कि इससे रियायतें भी मिलने लगी हैं. आम तौर पर होता यही है कि बुरा वक़्त बिताना मुश्किल होता है. आप ट्रेन या फ्लाइट का इंतज़ार करते हों, तो समय बिताते नहीं बीतता. मगर, किसी प्रिय के साथ हों या किसी पसंदीदा जगह घूमने जाते हों, तो समय मानो फुर्र से उड़ जाता है. ऐसे में लॉकडाउन का वक़्त, जिसे ज़्यादातर लोगों ने बुरा समय ही माना था, वो इतनी जल्दी कैसे गुज़र गया? असल में हम समय के गुज़रने का आकलन दो तरह से करते हैं. पहला तो ये कि अभी समय कितनी जल्दी बीत रहा है? और, पिछला हफ़्ता या पिछला दशक कैसे बीता था?
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कोई बुरा ना माने,
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