कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के बाद देश का युवा वर्ग अपने रोजगार की सुरक्षा के लिए बहुत ही आशंकित है। उनको यह सुनने-पढ़ने को मिल रहा है कि आगामी वर्षों में रोजगार का बड़ा संकट आने वाला है। इस महामारी से हुई जान की हानि तो प्रत्यक्ष दिखाई पड़ रही है, लेकिन इससे परोक्ष रूप से देश में रोजगार, शिक्षा व उत्पादन की भी अभूतपूर्व हानि हुई है। सरकार के प्रयास और नागरिकों की जागरूकता से अब तक हम शानदार तरीके से इस महामारी से लड़े हैं, और उम्मीद है कि आगे भी यूं ही हम लड़ते रहेंगे। मगर देश के नौजवानों के मन में अपने भविष्य को लेकर आशंकाएं उपजने लगी हैं। सरकारी रोजगार के अवसर उन्हें धूमिल होते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में, हमें खास तौर से उनके लिए नीतियां बनानी होंगी। जरूरत धैर्य बनाए रखने की भी है, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण देश कहीं न कहीं विकास की कसौटी पर बहुत पीछे चला गया है। यदि हमने धैर्य, सहयोग और आत्मनिर्भरता से इस परिस्थिति का सामना कर लिया, तो इसके परिणाम दूरगामी निकलेंगे।
बुधवार, 10 जून 2020
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