कोरोना संकट और चीन-सीमा विवाद के बीच पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम हुई कीमतों का कोई लाभ शायद ही भारतीयों को मिल पाया। कारण स्पष्ट है कि जन-हितकारी सरकार आम आदमी को होने वाले लाभ को अपनी कमाई में जोड़कर अपना गणित सुधारने में जुटी रही। आम आदमी के बिगड़े हुए गणित से जैसे उसे कोई सरोकार न हो। पेट्रोलियम पदार्थों पर मनमानी नीतियां लागू करके सरकार जनमानस को क्या संदेश देना चाहती है, यह तो वही जाने, पर आम आदमी के लिए ऐसी नीतियां कष्टकारी सिद्ध हो रही हैं, जिसका एहसास सरकार को होना ही चाहिए।
शुक्रवार, 19 जून 2020
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