राबर्टसगंज से दक्षिण पश्चिम कोण पर लगभग 12 कि0 मी0 की दूरी पर यह दुर्ग स्थित है । इसके प्राचीर अब ध्वंसाावशेष हैं । यंहा पर कण्डेश्वर महादेव का मन्दिर तथा कई गुफायें हैं जंहा पर शैलाश्रित गुहाचित्र देखे जा सकतें हैं । दुर्ग के चारो ओर खाई तथा हरे जंगल हैत्त्। शिवरात्रि एवं बसंत पर यंहा मेला लगता है । यंहा से 2 कि0 मी0 पर कुंडारी देवै का मन्दिर एवं गुफायें हैं ।
बुधवार, 24 जून 2020
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई बुरा ना माने,
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
हिमाचल प्रदेश में एक गर्भवती गाय का विस्फोटक पदार्थ खाने का मामला सामने आया है. इस मामले में एक शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है. समाचार एजेंस...
-
अभिभावक बच्चों पर उम्मीदों का बोझ लाद देते हैं जबकि बच्चों को अपने सपने पूरे करने देना चाहिए। अब बच्चों को लेकर माता-पिता में संजीदगी कम ...
-
कानपुर–कांड़ का दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को काफी लम्बी जद्दोजहद के बाद अन्ततः मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के बाद अब इस...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें