ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं काफी हद तक चरमरा गई हैं। यहां सीएचसी व पीएचसी संसाधनविहीन हैं। यहां मरीजों के इलाज के लिए मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। गांवों में लोगों को न तो बेहतर इलाज मिल पा रहा है और ना ही दवाएं। यहां चिकित्सकों की मनमानी जारी रहती है। धड़ल्ले से मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने के साथ ही कई तरह से शोषण किया जाता है। ऐसे में विवश लोगों को जिला अस्पताल का ही रूख करना पड़ रहा है। इस पर जिलाधिकारी को ध्यान देने की आवश्यकता है।
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