केरल के एक गांव में नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने जिस तरह से आत्महत्या की, उससे कई सवाल उठ खड़े होते हैं। कहा जा रहा है कि ऑनलाइन पढ़ाई न कर पाने की वजह से वह दबाव में थी। यह बेहद अफसोस की बात है कि एक बच्ची पढ़ना चाहती थी, पर संसाधन के अभाव में हताशा के गर्त में चली गई और अपनी जान दे बैठी। सचमुच, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे इतने संपन्न नहीं होते कि उनके पास स्मार्टफोन, टीवी, केबल आदि हों। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन और इंटरनेट की जरूरत पड़ती है। उस बच्ची के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। संभवत: पिता की आर्थिक मजबूरी रही होगी कि वह अपनी बेटी की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन नहीं जुटा पाया। दिक्कत यह है कि सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू तो कर दी, लेकिन इसके लिए अपनी तैयारी पूरी नहीं की। कुछ समय लगाकर पहले अभिभावकों को तैयार करना जरूरी था। यह घटना सबक दे रही है कि हमें अपने आसपास ऐसे परिवारों की खोज-खबर जरूर लेनी चाहिए, जिनके मुखिया की आजीविका इस लॉकडाउन में चली गई हो और बुनियादी जरूरतें भी वह पूरी नहीं कर पा रहा हो।
शुक्रवार, 5 जून 2020
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