देश में लाक डाउन संबंधित नियम तो बहुत बना दिए गए हैं‚ परन्तु उन पर अमल कितना होता है यह देखने वाली बात है। पहले की ही तरह कानून आम दिनों में जैसे तोड़े जाते रहे हैं‚ वैसे ही इस दौर में भी टूट रहे हैं। सड़क किनारे मौजूद कानून के रखवाले भी नियम टूटने पर मूकदर्शक बने खड़े रहते हैं। दुकानों पर तय दूरी को ताक पर रख दिया जाता है। जनप्रतिनिधि भी इससे अछूते नहीं हैं। कहीं चुनाव की तैयारियों को लेकर एकत्रित हो रहे हैं तो कोई नाई से बाल कटवा रहा है। जबकि कोरोना महामारी के शुरुûआती समय में ही सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जनता से यह अपील की थी कि मास्क हर किसी को पहनना होगा। साथ ही सोशल डि़स्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है। मगर कई लोगों ने इस निर्देश पर अमल नहीं किया और अब वो सारे लोग कोरोना की चपेट में हैं॥
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई बुरा ना माने,
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
कोविड़–१९ के प्रकोप का दौर अभी भी जारी ही रहेगा क्योंकि वायरस किसी भी ढंग से कम नहीं हो रहा है। समूचे विश्व में तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोन...
-
दिल्ली हमेशा ही चर्चा में रहती है। प्रत्येक वर्ष कुछ महीने के लिए दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा होता है। इसी के कारण कूड़़ा जलाने पर भी प्र...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें