धरती पर मानव ही ऐसा प्राणी है, जो अच्छे और बुरे का भेद कर सकता है। मगर केरल की घटना ने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना पर शक की चादर चढ़ा दी है। वहां एक गर्भवती हथिनी के साथ किया गया व्यवहार दुखी करने वाला है। इस घटना से यह समझ नहीं आ रहा कि वास्तव में जानवर कौन है? वह हथिनी, जो पीड़ा में भी शांत होकर पानी में खड़ी रही या फिर वे इंसान, जिन्होंने इस बेजुबान को फल में बम खिला दिया। हथिनी के पेट में पल रहे बच्चे ने भी शायद यही सोचा होगा कि अगर मानव ऐसे होते हैं, तो ठीक है कि मैं धरती पर नहीं आया। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब-जब मानव इंसानियत से दूर हुआ है, तब-तब उसे इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ा है।
शुक्रवार, 5 जून 2020
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