अब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना के उन्हीं मरीजों का इलाज होगा, जो दिल्ली से हैं। दिल्ली सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया, यह तो दिल्ली के मुख्यमंत्री जानें, लेकिन जिस तरह से दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसे देखकर केजरीवाल का यह फैसला कुछ हद तक सही जान पड़ता है, क्योंकि दिल्ली में आबादी के मुताबिक स्वास्थ्य-केंद्रों और डॉक्टरों की कमी हो सकती है। बेशक केंद्र सरकार के अस्पतालों को इस फैसले से बाहर रखा गया है, लेकिन मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह दिल्ली से कुछ किलोमीटर सटे क्षेत्र के लोगों को, जो दूसरे राज्य के नागरिक हैं, दिल्ली में कोरोना इलाज की इजाजत दें, ताकि कोई भी उनके इस फैसले पर राजनीति करने को कोशिश न कर सके। क्या मुख्यमंत्री ऐसा करेंगे?
मंगलवार, 9 जून 2020
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