बहू-बेटियों को लोगों की नजरों से बच बचा के खुले में शौच के लिए बाहर जाना पड़े तो कितनी शर्मिंदगी की बात है। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एलओबी के तहत इनके घरों में ही शौचालय बनवाया जा रहा है। बावजूद इसके आज भी कई गांवों में लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। इसके लिए जनता को अब जागरूक होना पड़ेगा। जनपद स्तरीय अधिकारी, स्वच्छताग्रही आदि द्वारा मार्निंग फालोअप आदि कर खुले में शौच नहीं करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए जागरूकता जरूरी है। जनमानस अपनी बहु बेटियों को शौच के लिए कदापि बाहर नहीं भेजे।
गुरुवार, 1 अगस्त 2019
निति नहीं लोगो की सोच बदलने की जरुरत है
जहरीली शराब के कारोबार पर लगे रोक
नकली शराब बनाने का कारोबार व्यापक होता जा रहा। समय समय पर छापेमारी की जाती है लेकिन जनपद में कुछ गांव ऐसे हैं जहां शराब बनाना नियमित कारोबार बन गया है। शराब बनाने वाले लोग जब पकड़े जाते हैं तो उनका मामूली धाराओं में चालान किया जाता है। शराब बनाने वालों के खिलाफ सरकार को सख्त नियम बनाना चाहिए और कड़े दंड का प्रावधान करना चाहिए।
हर कोई रखें स्वच्छता का ख्याल
नगरीय क्षेत्रों में दुकानदार कचरा को सड़कों पर इधर-उधर फेंक देते हैं। जिससे नगर में गंदगी फैलने से बीमारी फैलती है। अक्सर देखा जाता है कि बाजारों में सुबह दुकान व घरों की साफ-सफाई करने के बाद लोग बीच सड़क पर कचरा रख देते हैं। जो वाहनों के आवागमन से कुछ ही देर में बिखर जाता है। व्यापारियों व दुकानदारों को अपनी जिम्मेदारी समझकर स्वच्छता के प्रति सजग रहने की जरुरत है। जिससे नगर में स्वच्छता रहेगी। अपनी जिम्मेवारी सरकारी संस्था के ऊपर थोप देने से हमारी गलतिया सही नहीं साबित होंगी.
संसद में अमर्यादित आचरण
संसद में किया गया नेताओं का एक भी अमर्यादित आचरण सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावना को आहत करता है। संसद देश की राजनीति का मंदिर है, जहां सवा सौ करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि रहते हैं। नेता किसी भी दल या परिवार के हो सकते हैं, लेकिन जब वह संसद में बोल रहे होते हैं तो सिर्फ इस देश के नेता होते हैं। संसद की गरिमा को बनाए रखना राजनेताओं की जिम्मेदारी है।
बुधवार, 21 जून 2017
अब तक 13 राष्ट्रपति हुए कभी किसी की जाति बतानी नही पड़ी, आज हल्ला है कि कोविंद जी दलित हैं, पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायण भी दलित ही थे।
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June 22, 2017 at 08:32AM
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सोमवार, 12 जून 2017
हर बात की इतनी अनालिसिस हो रही हैं कि काम करने वालो को पैरालिसिस हो जाये और काम चोर और ज्यादा लेजी हो जा रहे है।
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June 12, 2017 at 11:21PM
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गुरुवार, 8 जून 2017
जब आपकी पोस्ट पर लोग चिल्ल पो करने लगे तो समझिए आप अच्छा काम कर रहे है ।
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June 09, 2017 at 02:42AM
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