एक तरफ हमारे जंगल तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। जंगल खत्म होते जाने का सीधा असर बारिश कम होने तथा पर्यावरण तंत्र के नुकसान के रूप में सामने है, दूसरी तरफ उद्योगों के क्रियाकल्पो से वायुमण्डल दूषित होता है। इसका बड़ा खामियाजा हमारे स्वास्थ्य को भुगतना पड़ता है और कई गम्भीर बीमारियों का कारण भी बनता है। हमें अपने पर्यावरणीय सरोकारों के प्रति गम्भीरता से सोचने और इस दिशा में काम करने का। अब भी यदि हम कुछ नहीं कर सकें तो नई पीढ़ी के लिये हम कौन-सी और किस तरह की दुनिया छोड़ जाएँगे, कहना मुश्किल है।
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