मंगलवार, 14 मार्च 2017

परंपराओं की जड़ काटकर पहले नल, फिर नलकूप और अब तो सब्मर्सिबल लगाए जा रहे हैं। सब्मर्सिबल मानों गली-मुहल्ले के भवनों के बाहर टंगी नामपट्टी है

Embed code not available


from Twitter https://twitter.com/SHAKTIANAND1

March 14, 2017 at 04:06PM
via IFTTT

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कोई बुरा ना माने,

मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...