लॉकडाउन के बाद पूरे देश की आÌथक स्थिति चरमरा गई है। छोटे उद्योग–धंधे वाले‚ छोटे पूंजीपति वर्ग‚ कारीगरों के लिए सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। सिर्फ राशन दुकान और फल–सब्जी विक्रेता को छूट दी गई है। क्या दूसरे व्यवसाय करने वाले लोग ‘हवा' पीकर रहते हैंॽ इन लोगों की जमा पूंजी खत्म हो गई है। भूखों मरने और सड़कों पर आने की नौबत आ गई है। मजदूर‚ राजमिस्त्री‚ ऑटो पार्ट्स के दुकानदार‚ वाहन चालक जैसे लोगों का जीवन मुश्किल में है। अब तक के परिणाम से जब तय हो गया है कि लॉकडाउन कोविड–१९ का कोई इलाज‚ हल नहीं है‚ तो सामाजिक दूरी तय कर के सुरक्षा के नियमों के तहत सरकार को अनिवार्य सेवाएं बहाल कर देनी चाहिए।
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कोई बुरा ना माने,
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