शुक्र मनाइए कि आप भारत जैसे देश में हैं. जहां संघर्ष भी भावनाओं के दम पर जीते जाते हैं. हर कोई एक-दूसरे को विश्वास दिलाता है कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा. हम उस जमी पर हैं जहां उम्मीदों की जमीं और आशाओं का आकाश है.
मंगलवार, 12 मई 2020
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कोई बुरा ना माने,
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