भले ही राजनीति में राहुल गांधी कम अनुभवी माने जाते हों और आए दिन अन्य राजनीतिक दल उनके बयान का अनर्थ निकालकर उनका मजाक उड़ाते हों, मगर कोरोना के खतरे को लेकर उनका कहना काफी हद तक सही साबित हुआ है। जब देश में महामारी के मामले बढ़ रहे थे, तभी राहुल गांधी ने प्रतिदिन जांच का दायरा एक लाख किए जाने की बात कही थी, जबकि उस समय चालीस हजार के आसपास जांच हो रही थी। इसके अलावा, उन्होंने मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए व्यवस्था किए जाने का भी सुझाव दिया, लेकिन राजनीतिक दांव-पेच के चलते उनकी दलीलों को अनसुना कर दिया गया। मगर आज सरकार खुद मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रही है। यह देखकर लगता है कि यदि उनकी बातों पर गौर किया जाता, तो परिस्थितियां आज कुछ और होतीं।
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