पहले गेहंू और अब लीची व आम ई-बाजार में बिकने लगे हैं। लॉकडाउन की वजह से परंपरागत बाजार और मंडियों के बंद होने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इस वर्ष किसान भयंकर आर्थिक तंगी से गुजरने वाले हैं। मगर, ई-कॉमर्स की ओर रुख करते हुए किसानों ने प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल' के सपने को पूरा करने के लिए अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। चाहे उन्नाव हो या भागलपुर, किसानों ने यह साबित किया है कि समय के साथ सही दिशा में बदलाव करने से न सिर्फ मुनाफा बढ़ता है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं। किसानों के इस कदम से उन्हें उपज का सही दाम मिलेगा। सरकार को किसानों के इस फैसले की सराहना करनी चाहिए। साथ ही, उन्हें ई-कॉमर्स के नए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इससे जुड़ सकें।
शुक्रवार, 29 मई 2020
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