कोरोना संकट का यह काल केवल जान की हानि तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे आर्थिक संकट के साथ-साथ कई उद्योग-धंधों और रोजगार का अस्तित्व भी फिलहाल खत्म होता दिख रहा है। नतीजतन, उनमें काम करने वाले मजदूर, कर्मचारी-अधिकारी, सभी एकाएक बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में, उन्हें दूसरी राह तलाशनी पड़ रही है, जिसे खोजना मौजूदा वक्त में काफी मुश्किल भरा काम है। इस बढ़ती बेरोजगारी दर से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है। अभी इसे हकीकत बनने में कुछ वक्त लगेगा, लिहाजा बीपीएल जैसे कार्डधारकों को कुछ न कुछ सरकारी मदद तो मिल ही जाएगी। जिनको कोई राहत नहीं मिलेगी, वे हैं गैर-कार्डधारक। आज जब कई देश अपने बेरोजगार नौजवानों को भत्ता दे रहे हैं, तब हमारे देश में भी बिना भेदभाव और आरक्षण के यह बांटा जाना चाहिए। नौकरी गंवा चुके लोगों को बचाने का इससे बेहतर शायद ही कोई दूसरा उपाय है।
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