भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न तनाव को कम करने के लिए पिछले कुछ दिनों से कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं। इन कोशिशों का सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है। अब चीन के रुख में नरमी दिखने लगी है। मगर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बीच मध्यस्थता की पेशकश कर दी। जाहिर है, वह भारत-चीन सीमा विवाद को नया रूप देने की कोशिश में हैं। इससे पहले जम्मू-कश्मीर पर भी ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कही थी, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। मौजूदा हालात में, जब अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है और कोविड-19 पर उन दोनों में तकरार जारी है, तब अमेरिका द्वारा मध्यस्थता की बात कहना कहां तक प्रासंगिक है? सच्चाई तो यह है कि अमेरिका अपनी चौधराहट दिखाना चाहता है, जिसे हमें कतई नहीं मानना चाहिए।
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