मूलभूत आवश्यकताओं के पूरा ना होने के कारण मजदूरों का जमावड़ा शहरों से गांव की तरफ जा रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या मजदूरों के लिए शहरों में दोबारा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगेॽ देश के हालात फिलहाल खराब ही हैं और परिस्थितियां बद–से–बदतर होती जा रही है। ऐसे में रोजगार की अपेक्षा करना असंभव सा लगता है। सरकार को परिस्थितियों को काबू में करने के लिए बड़े कदम उठाने की आवश्यकता है और हताश लोगों के मन में बेहतर होने का भरोसा जगाना है।
बुधवार, 27 मई 2020
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई बुरा ना माने,
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कोई भी मंदिर अगर बनता है तो उसके इतिहास से आप उसे गलत या सही कह सकते हैं कि क्यों बन रहा है लेकिन एक चीज हम ...
-
भारत इस वक्त कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना अपने दृढ़ संकल्प से कर रहा है। पश्चिमी मीडिया और भारत के एक वर्ग के भीतर यह कुंठा साफ म...
-
कानपुर–कांड़ का दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को काफी लम्बी जद्दोजहद के बाद अन्ततः मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के बाद अब इस...
-
कोविड़–१९ के प्रकोप का दौर अभी भी जारी ही रहेगा क्योंकि वायरस किसी भी ढंग से कम नहीं हो रहा है। समूचे विश्व में तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें